Monday, September 1, 2008

चार्ली चैप्लिन की आत्‍मकथा का अनुवाद रचनाकार.ब्‍लागस्‍पाट पर

मित्रो
आप मेरे द्वारा अनूदित चार्ली चैप्लिन की आत्‍मकथा अब आप http://rachanakar.blogspot.com/2008/08/1_29.html पर किस्‍तों पर पढ़ सकते हैं. रवि जी ने पिछले तीन दिन में इसकी पांच किस्‍तें पोस्‍ट की हैं. पूरी आत्‍मकथा लगभग 550 पेज की थी और मेरे ख्‍याल से 20 किस्‍तों में वे आप तक पूरी आत्‍म कथा पहुंचायेंगे. अनुवाद पर आपकी टिप्‍प्‍णियों का इंतज़ार रहेगा

सूरज प्रकाश

1 comment:

मैथिली गुप्त said...

बेहतर अनुवाद है, एसा लगता है कि मौलिक रूप से हिन्दी में ही लिखा गया हो.
रवि जी को तो धन्यवाद पहले ही दे चुका हूं. आप भी स्वीकारें.